एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। हालात अभी नियंत्रण में जरूर हैं, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 24 मई की सुबह तक कुल 312 केस दर्ज किए जा चुके हैं। भले ही ये आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम हो, मगर कोरोना की गंभीरता को देखते हुए यह एक चेतावनी है। इस बार JN.1 वेरिएंट ने चिंता बढ़ाई है, जो ओमिक्रोन का ही सब-वेरिएंट है और बुजुर्गों, बच्चों व पहले से बीमार लोगों के लिए खतरनाक माना जा रहा है।
महाराष्ट्र बना हॉटस्पॉट
देश में महाराष्ट्र, विशेष रूप से मुंबई एक बार फिर कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है। यहां जनवरी 2025 से अब तक 132 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। एक हालिया सर्वे से पता चला है कि कई परिवारों में फ्लू और सर्दी-खांसी जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं, लेकिन लोग अभी भी जांच कराने से बच रहे हैं, जो चिंता का विषय है। ऐसा व्यवहार संक्रमण के और तेजी से फैलने का कारण बन सकता है।
दिल्ली की सतर्कता
दिल्ली सरकार ने तेजी से कदम उठाते हुए 23 मई को सभी अस्पतालों के लिए एक स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां और वैक्सीन जैसी सुविधाओं को दुरुस्त रखें। साथ ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए उन्हें एलएनजेपी अस्पताल भेजने के आदेश दिए गए हैं।
अन्य राज्यों की स्थिति
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गुजरात: अहमदाबाद में 20 नए मामलों के साथ राज्य में कुल मामलों की संख्या 40 पहुंच गई है। 33 मरीज अभी एक्टिव हैं।
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उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद में 4 नए मामले मिले हैं, जिनमें 3 को आइसोलेशन में और एक को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
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हरियाणा: बीते 48 घंटों में 5 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें दो महिलाएं और एक बुजुर्ग शामिल हैं।
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केरल: यहां संक्रमण की रफ्तार और तेज है, 182 केस सामने आ चुके हैं।
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ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु: इन राज्यों में 1-1 नए केस सामने आए हैं।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा
बेंगलुरु में 9 महीने का एक बच्चा पॉजिटिव पाया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह वेरिएंट छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा। वहीं बुजुर्गों के लिए तो यह पहले से ही ज्यादा खतरनाक है। JN.1 वेरिएंट की खास बात यह है कि यह शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देता है और इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं – जैसे बुखार, सर्दी-खांसी, सिरदर्द, आंखों में जलन, और गले में खराश।
सतर्कता और बचाव जरूरी
देशभर में एडवाइजरी जारी की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों की मानें तो अभी घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। बचाव के लिए कुछ जरूरी कदमों का पालन किया जाना चाहिए:
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भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाएं।
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मास्क पहनना न भूलें, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर।
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हाथों को बार-बार धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
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यदि सर्दी-जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं।
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कोविड वैक्सीन और बूस्टर डोज लेना न भूलें।
निष्कर्ष
कोरोना महामारी का भयावह दौर भले ही पीछे छूट चुका हो, लेकिन वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है। JN.1 जैसे वेरिएंट यह याद दिला रहे हैं कि यह वायरस समय-समय पर अपने रूप बदलकर वापसी कर सकता है। ऐसे में जिम्मेदारी हर नागरिक की है कि वह सतर्क रहे और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करे।
अब समय है जागरूकता का, सतर्कता का और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का। याद रखें, आपकी सुरक्षा ही आपके परिवार और समाज की सुरक्षा है।
सावधानी ही सुरक्षा है।