पटना, बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को मिली प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बना सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनडीए गठबंधन के सभी प्रमुख दल नीतीश कुमार के नाम पर अगले मुख्यमंत्री के रूप में सहमत हो गए हैं। इस निर्णय के बाद अब राज्य में तेजी से सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नीतीश कुमार 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार को अगले 24 घंटों के भीतर नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा, जिससे चुनावी नतीजों के बाद से चल रही राजनीतिक गहमागहमी पर विराम लगेगा।
आज विधायक दल की बैठक में आधिकारिक मुहर
आज, 19 नवंबर को बिहार की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहने वाला है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले, बीजेपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति और मंत्रिमंडल के स्वरूप पर चर्चा करने के लिए अपने-अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगी। इन बैठकों के बाद, एनडीए गठबंधन के सभी घटक दलों के विधायक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एकजुट होंगे। यह एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार के नाम का आधिकारिक ऐलान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किया जाएगा। इस ऐलान के साथ ही, नीतीश कुमार के लगातार सातवीं बार (विभिन्न गठबंधनों के साथ) बिहार के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण
बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और स्थान भी लगभग तय हो गया है। सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार 20 नवंबर को सुबह 11:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। गांधी मैदान, जो बिहार के राजनीतिक इतिहास में बड़े आंदोलनों और ऐतिहासिक आयोजनों का गवाह रहा है, एक बार फिर इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना का केंद्र बनेगा। इस भव्य समारोह में एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की संभावना है।
मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों का बंटवारा
मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनने के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल का स्वरूप और विभागों का बंटवारा है। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के बीच अधिकांश विभागों पर सहमति बन चुकी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, राज्य के 'पावर सेंटर' माने जाने वाले गृह मंत्रालय पर बीजेपी और जेडीयू के बीच अभी भी खींचतान जारी है। जेडीयू जहां कानून-व्यवस्था और प्रशासन पर अपनी पारंपरिक पकड़ बनाए रखना चाहती है, वहीं बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में अधिक निर्णायक मंत्रालयों पर दावा कर रही है।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों और वरिष्ठ नेताओं के संतुलन पर भी चर्चा जारी है। बीजेपी कोटे से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी जैसे नए चेहरों को महत्वपूर्ण भूमिकाएं मिल सकती हैं, जबकि जेडीयू अपने अनुभवी नेताओं को बनाए रखेगी। उप-मुख्यमंत्री पद पर भी फैसला किया जाना है, जिसके लिए बीजेपी की ओर से नामों पर मंथन चल रहा है।
अगले 24 घंटे बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक होने वाले हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन न केवल बिहार के विकास की दिशा तय करेगा, बल्कि एनडीए गठबंधन के भीतर भविष्य की राजनीतिक गतिशीलता को भी परिभाषित करेगा।