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कौन है डॉ मुजफ्फर? पकड़ने के लिए CBI ले रही इंटरपोल की मदद, अफगानिस्तान में है छिपा

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Posted On:Saturday, November 15, 2025

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद हुई जाँच में एक बड़े इंटरस्टेट 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। इस मॉड्यूल के अहम सदस्य, काजीगुंड निवासी डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से मदद ले रही है और उसके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। डॉ. मुजफ्फर, दिल्ली ब्लास्ट केस में पकड़े गए 8 आरोपियों में शामिल डॉ. आदिल का बड़ा भाई है।

दुबई से अफगानिस्तान तक नेटवर्क

छताछ और जाँच में पता चला है कि मुजफ्फर अगस्त में भारत छोड़कर दुबई चला गया था और अब माना जा रहा है कि वह अफगानिस्तान में छिपा हुआ है।

  • आतंकी लिंक: मुजफ्फर भारत के स्थानीय टेरर मॉड्यूल और पाकिस्तान स्थित उनके हैंडलर्स के बीच लिंक का काम करता था।

  • ऑपरेशन कंट्रोल: पूरा मॉड्यूल अफगानिस्तान से कंट्रोल होता था। मुजफ्फर, जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर 'उकाशा' के सीधे संपर्क में था।

🇹🇷 तुर्की कनेक्शन: फंडिंग और प्लानिंग का केंद्र

जाँच में इस टेरर मॉड्यूल का तुर्की कनेक्शन भी सामने आया है, जो फंडिंग और प्लानिंग का केंद्र बना था:

  • मुलाकात: 2022 में, मुजफ्फर और डॉ. मुजम्मिल शकील ने तुर्की की यात्रा की, जहाँ उनकी मुलाकात उकाशा से हुई थी।

  • प्लानिंग: यहीं पर हमले की योजना को अंतिम रूप दिया गया, साथ ही फंडिंग ऑपरेशन के रूट और लॉजिस्टिक्स पर भी बात हुई।

  • नेटवर्क संचालन: इसके बाद, मुजफ्फर दुबई से बैठकर पैसों से लेकर लॉजिस्टिक्स तक पूरे नेटवर्क को नियंत्रित करता था। अपने भाई आदिल की गिरफ्तारी के तुरंत बाद वह अफगानिस्तान भाग गया।

परिवार में कट्टरपंथ फैलाने का आरोप

पुलिस के अनुसार, मुजफ्फर पर अपने परिवार के अंदर कट्टरपंथ फैलाने का गंभीर आरोप है।

  • आदिल का कट्टरपंथ: पुलिस का मानना है कि आदिल को कट्टरपंथ की तरफ धकेलने में मुजफ्फर की बड़ी भूमिका थी। उसी ने आदिल को उमर मुजम्मिल और मौलवी इरफान जैसे कट्टरपंथी तत्वों से मिलवाया था।

  • दिल्ली ब्लास्ट का आदेश: एजेंसियों को संदेह है कि दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम देने का आदेश भी मुजफ्फर ने ही दिया था।

टेलीग्राम ग्रुप और मेडिकल कॉलेज लिंक

पूरा मॉड्यूल दो टेलीग्राम ग्रुप से प्रभावित था, जहाँ से उन्हें कट्टरपंथी सामग्री मिलती थी। तुर्की से लौटने के बाद, मुजम्मिल ने फरीदाबाद की यूनिवर्सिटी में अपनी गतिविधि शुरू की, जबकि आदिल की पोस्टिंग सहारनपुर (यूपी) में हुई। इसके बाद, इस ग्रुप की गतिविधियाँ देशभर में बढ़ गईं।

एजेंसियों का मानना है कि डॉ. मुजफ्फर इस पूरे टेरर नेटवर्क का मुखिया है। उसकी गिरफ्तारी से इस कई देशों में फैले नेटवर्क के कनेक्शन खुल सकते हैं। इसलिए, जम्मू-कश्मीर पुलिस इंटरपोल के जरिए डॉ. मुजफ्फर को जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश कर रही है।


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