इजरायल द्वारा कतर की राजधानी दोहा पर हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले ने गल्फ क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। इस हमले के बाद गल्फ देशों में गहरी नाराजगी देखी गई है और इजरायल के खिलाफ एकजुटता का संदेश भी सामने आया है। इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इजरायल को एक बड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक झटका देते हुए दुबई एयर शो 2025 में इजरायल की रक्षा कंपनियों की भागीदारी पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले को सुरक्षा कारणों से उचित ठहराया गया है, लेकिन इसे गल्फ देशों की एकजुटता और इजरायल के खिलाफ सख्त रुख के रूप में भी देखा जा रहा है।
दुबई एयर शो 2025 में इजरायल की रक्षा कंपनियों पर रोक
दुबई एयर शो मध्य पूर्व क्षेत्र का सबसे बड़ा रक्षा और विमानन प्रदर्शन माना जाता है, जिसमें दुनिया भर की बड़ी रक्षा कंपनियां हिस्सा लेती हैं। साल 2020 में अब्राहम अकोर्ड्स के बाद UAE और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा था, लेकिन कतर में हुए इस हमले के बाद UAE ने अपने इस बड़े रक्षा कार्यक्रम में इजरायल की रक्षा कंपनियों को भाग लेने से रोक दिया। यह कदम न केवल UAE की कूटनीतिक नीति में बदलाव का संकेत देता है, बल्कि इजरायल के लिए भी क्षेत्रीय स्तर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।
आयोजकों ने इजरायली रक्षा मंत्रालय और संबंधित कंपनियों को यह प्रतिबंध सूचित कर दिया है, जिससे इजरायल अब इस क्षेत्रीय रक्षा बाजार में अपने उत्पादों को बेचने या प्रदर्शित करने के मौके से बाहर हो गया है।
गल्फ देशों की निंदा और एकजुटता
कतर के दोहा में हमास के नेताओं पर हुए इस इजरायली एयर स्ट्राइक के बाद गल्फ देशों में व्यापक निंदा और एकजुटता देखी गई। सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, ओमान और कतर सहित गल्फ के कई देश इस हमले की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और इजरायल के खिलाफ एकजुट होकर जवाबी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। खासकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कतर के समर्थन में खड़े होकर इजरायल को जवाब देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
गल्फ देशों ने इजरायल के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाने की घोषणा की है। दोहा में आपातकालीन बैठक के लिए अरब और इस्लामिक देशों के विदेश मंत्री पहुंचे, जहां इजरायल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया पर सहमति बनी। हालांकि, फिलहाल किसी गल्फ देश ने इजरायल के खिलाफ सीधे सैन्य हमले का संकेत नहीं दिया है, लेकिन कूटनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर जोर दिया जा रहा है।
कतर का 57 मुस्लिम देशों के साथ संवाद
कतर ने इस हमले के जवाब में 57 मुस्लिम देशों के साथ संवाद स्थापित करने की योजना बनाई है। दोहा में हुई बैठक का उद्देश्य इजरायल के खिलाफ सामूहिक प्रतिक्रिया तैयार करना और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखाना है। कतर फिलहाल सैन्य कार्रवाई करने से बचते हुए कूटनीतिक और आर्थिक दबाव के विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिनमें इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध खत्म करना और इजरायल का समर्थन करने वाले देशों पर तेल के आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत ने कतर पर हुए हमले पर अपनी चिंता जताई और कहा कि वह कतर के साथ खड़ा है। भारत की यह प्रतिक्रिया क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत गल्फ क्षेत्र में अपने हितों के साथ-साथ वहां रहने वाले बड़ी संख्या में भारतीयों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देता है।
निष्कर्ष
कतर में इजरायल के हवाई हमले के बाद गल्फ देशों में इजरायल के खिलाफ एकता और निंदा की लहर तेज हो गई है। UAE द्वारा दुबई एयर शो में इजरायल की रक्षा कंपनियों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने का कदम इस एकजुटता को और मजबूत करता है। गल्फ देशों का इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाने का प्रयास क्षेत्रीय राजनीति को और अधिक पेचीदा बना सकता है।
इस समय, कूटनीतिक दबाव और आर्थिक प्रतिबंधों की रणनीति को अपनाकर गल्फ देश इजरायल को जवाब देने की योजना बना रहे हैं, जिससे मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति और बढ़ सकती है। वहीं, इस घटनाक्रम में भारत समेत अन्य देशों की भूमिका भी अहम होगी, जो क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए सकारात्मक संवाद और कूटनीतिक प्रयास कर सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गल्फ क्षेत्र में इजरायल और इस्लामी देशों के बीच संबंधों में जटिलता बढ़ रही है, जो आगामी समय में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।