मध्य पूर्व की दो प्रमुख शक्तियां, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE), भले ही ऊपरी तौर पर सहयोगी दिखती हों, लेकिन पर्दे के पीछे उनके बीच वर्चस्व और प्रभाव को लेकर चुपचाप शह-मात का खेल चल रहा है। सूडान गृह युद्ध में अमेरिका की एंट्री कराकर सऊदी ने हाल ही में UAE पर दबाव बनाया था, लेकिन अब UAE ने अपने पड़ोसी यमन में 'तेल का खेल' खेलकर सऊदी अरब को चौंका दिया है। इस भू-राजनीतिक दांव पर सऊदी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पुराने साथी, नए प्रतिद्वंद्वी
बीबीसी अरबी के अनुसार, एक समय था जब सऊदी और UAE मिलकर यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहे थे। हालांकि, अब UAE ने दक्षिण संक्रमणकालिन परिषद (STP) का समर्थन करके यमन में खुद को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
UAE के इस फैसले ने सऊदी अरब की चिंता बढ़ा दी है। अगर STP यमन पर पूर्ण कब्ज़ा करने में सफल होती है, तो लाल सागर में UAE का सीधा दखल हो जाएगा, जिससे क्षेत्र में सऊदी का दबदबा कम हो सकता है।
'तेल का कुआं' हद्रामौत पर कब्ज़ा
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हद्रामौत पर कब्ज़ा करने के बाद, STP के लड़ाके अब राजधानी सना की ओर बढ़ रहे हैं, जिस पर वर्तमान में हूती विद्रोहियों का कब्ज़ा है। यमन मॉनिटर के अनुसार, यमन का कुल तेल भंडार लगभग 1 बिलियन बैरल है, जिसमें से करीब एक बैरल तेल हद्रामौत में ही है। इसी कारण हद्रामौत को यमन में 'तेल का कुआं' कहा जाता है।
STP के लड़ाके दो मुख्य कारणों से हूतियों पर जीत की उम्मीद कर रहे हैं:
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इजराइल-अमेरिका का डर: इजराइल और अमेरिका ने हूतियों को अपने रडार पर ले रखा है। अगर हूती विद्रोही STP से लड़ने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर आते हैं, तो इजराइल उन्हें स्ट्राइक के जरिए निशाना बना सकता है। वर्तमान में हूती विद्रोही बड़े पैमाने पर अंडरग्राउंड हैं।
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हथियारों की कमी: इजराइल की स्ट्राइक में हूती के कई बड़े कमांडर मारे जा चुके हैं। उनके पास हथियारों की भी भारी कमी हो गई है, और ईरान से भी उनके संबंध पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं।
geopolitics झटका क्यों?
यमन में STP का कब्ज़ा सऊदी अरब के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है:
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तेल और खनिज पर UAE का लाभ: यमन तेल और खनिज संसाधनों से भरपूर है। अगर STP यहां कब्ज़ा करती है, तो UAE इसका फायदा उठाएगा। UAE कथित तौर पर हथियारों के बदले यमन से तेल और खनिज पदार्थ ले सकता है, जैसा कि वह सूडान में भी चुपचाप करने की कोशिश कर रहा है।
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लाल सागर पर एक्सेस: यमन, लाल सागर के एक महत्वपूर्ण कोने पर स्थित है। STP की जीत से संयुक्त अरब अमीरात को लाल सागर पर आसानी से एक्सेस मिल जाएगा। अब तक, लाल सागर पर यमन के अलावा सऊदी अरब का ही दबदबा रहा है। UAE की बढ़ती पहुंच सऊदी के क्षेत्रीय प्रभुत्व को चुनौती देगी।
हूतियों ने STP के इस अभियान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मध्य पूर्व की भू-राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण और तनावपूर्ण मोड़ है।