भारत और चीन के बीच रिश्तों को एक बार फिर से पटरी पर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत सरकार ने चीनी प्रोफेशनल्स के लिए बिजनेस वीजा (Business Visa) प्रक्रिया को आसान और तेज कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के कड़े टैरिफ और वैश्विक व्यापार तनाव के बीच चीन के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशों के तहत यह बदलाव किया है।
वीजा जांच की परत हटी, 4 हफ्ते में मंजूरी
चीनी प्रोफेशनल्स के लिए प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए, भारत ने वीजा की जांच-पड़ताल की एक प्रशासनिक लेयर (Layer) हटा दी है।
-
कम समय सीमा: इस बदलाव के साथ, वीजा मंजूरी का समय घटाकर 1 महीने से कम कर दिया गया है।
-
अधिकारी का बयान: एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, "हमने प्रशासनिक जांच की एक अतिरिक्त परत हटा दी है और अब बिजनेस वीजा 4 हफ्तों के अंदर प्रोसेस कर रहे हैं। अब वीजा से जुड़ी सभी समस्याएं पूरी तरह हल हो गई हैं।"
दिल्ली की आर्थिक स्ट्रैटजी
विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से भारत के प्रमुख निर्माण क्षेत्रों को लाभ होगा। थिंक-टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation) का अनुमान है कि सख्त जांच की वजह से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक निर्माण कंपनियों को पिछले चार सालों में लगभग $15 बिलियन (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये) के प्रोडक्शन का नुकसान हुआ है।
ये कंपनियां मोबाइल फोन बनाने के लिए चीन से अहम मशीनरी और कंपोनेंट्स आयात करती हैं, और वीजा में देरी से चीनी तकनीशियनों का समय पर भारत आना प्रभावित होता था। अब जब तकनीशियन को वीजा जल्दी मिलेगा, तो उत्पादन और निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।
किन उद्योगों पर पड़ेगा असर?
-
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल: रॉयटर्स ने पहले रिपोर्ट किया था कि Xiaomi जैसी चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को वीजा हासिल करने में संघर्ष करना पड़ता था, जिससे उनके काम पर असर पड़ता था।
-
सौर ऊर्जा (Solar Energy Industry): उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने कहा था कि वीजा प्रतिबंधों की वजह से उनकी भारत में विस्तार की योजनाएं प्रभावित हुईं, और सौर ऊर्जा उद्योग भी कुशल चीनी श्रमिकों की कमी से जूझता रहा। अब इस नियम में बदलाव के बाद इन क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों को ढूंढना और आयात करना आसान हो जाएगा।
पीएम मोदी की चीन यात्रा और संबंध सुधार
भारत और चीन के रिश्तों में 2020 के मध्य में हिमालयी सीमा पर हुई झड़पों के कारण दरार पैदा हो गई थी। इसके बाद भारत ने लगभग सभी चीनी यात्राओं पर रोक लगा दी थी और बिजनेस वीजा की जांच कई अतिरिक्त स्तरों तक बढ़ा दी गई थी।
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस साल की चीन यात्रा के बाद रिश्ते पटरी पर आने लगे हैं। पीएम मोदी ने पूरे 7 साल बाद चीन की यात्रा की और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इसके बाद 2020 के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू हुईं।
उद्योग संगठन इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के प्रमुख पंकज महिन्द्रू ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, जिससे कुशल प्रोफेशनल्स को तेजी से मंजूरी मिल सकेगी।