ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के बॉन्डी बीच पर हुए भयानक आतंकी हमले ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। इस गोलीबारी में कम से कम $11$ लोगों की मौत हुई है और $29$ घायल हुए हैं, जिनमें दो पुलिस ऑफिसर भी शामिल हैं। अधिकारियों ने इस शूटिंग को आतंकी घटना (टेररिस्ट इवेंट) बताया है, जिसे हनुक्का के पहले दिन सिडनी के यहूदी समुदाय को टारगेट करने के लिए अंजाम दिया गया था।
इस हमले की जाँच में अब एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। एक सीनियर लॉ एनफोर्समेंट अधिकारी के मुताबिक, बॉन्डी बीच पर कथित शूटरों में से एक की पहचान सिडनी के बॉनीरिग के नवीद अकरम के तौर पर हुई है, जो पाकिस्तान के लाहौर का रहने वाला है। चल रही जाँच के तहत, पुलिस ने रविवार शाम को $24$ साल के नवीद अकरम के घर पर छापा भी मारा।
🇵🇰 कौन है कथित शूटर नवीद अकरम?
सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, $24$ साल का नवीद अकरम असल में लाहौर, पाकिस्तान का रहने वाला है और सिडनी के अल-मुराद इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट था। ऑनलाइन सर्कुलेट हो रही एक लाइसेंस फोटो में वह पाकिस्तान क्रिकेट जर्सी पहने दिख रहा है।
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हमले का विवरण: अथॉरिटीज ने बताया कि इसमें शामिल दो गनमैन में से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे, जिसे नवीद अकरम माना जा रहा है, को गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
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अन्य अपराधी: पुलिस अभी भी यह जाँच कर रही है कि क्या कोई तीसरा गनमैन या कोई साथी इस हमले में शामिल था।
वायरल वीडियो फुटेज में यह कहा जा रहा है कि नवीद अकरम हमलावर था जिसके हथियार नहीं थे, हालांकि उसने मौके से भागने के बाद और गोलियां चलाईं।
पुलिस को मिली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस
NSW पुलिस कमिश्नर माल लैन्योन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना को ऑफिशियली “टेररिस्ट अटैक” घोषित किया। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर और जाँच के दौरान मिली चीजें इस बात की पुष्टि करती हैं।
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विस्फोटक मिले: पुलिस ने बताया कि मरे हुए अपराधी से जुड़ी एक कार में कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मिले हैं। एक रेस्क्यू बम डिस्पोजल यूनिट अभी भी गाड़ी पर काम कर रही है।
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जाँच की दिशा: कमिश्नर लैन्योन ने कहा, "हथियारों के टाइप... कुछ और चीजें जो हमें मौके पर मिलीं, जैसा कि मैंने कहा, हमें एक कार में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस मिला है जो मरे हुए अपराधी से जुड़ा है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संदिग्धों में से एक के बारे में पुलिस के पास बहुत कम जानकारी थी, यानी वह व्यक्ति पहले से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी सूची में नहीं था।
कमिश्नर ने लोगों से सोशल मीडिया पर चल रही अटकलों पर ध्यान न देने का आग्रह किया और कहा कि यह पुलिस को अपना काम करने देने का समय है। इस हमले और पाकिस्तानी कनेक्शन ने ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा और खुफिया जानकारी जुटाने के तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।