मुंबई, 18 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारतीय संस्कृति में देवी शक्ति की उपासना का सबसे बड़ा पर्व, शारदीय नवरात्रि, इस साल एक विशेष संयोग के साथ आ रहा है। यह पर्व, जो आमतौर पर नौ दिनों का होता है, इस बार 10 दिनों तक चलेगा, जिससे भक्तों को माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा और आराधना के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। इस साल, नवरात्रि का आगमन सोमवार को हो रहा है, जो एक अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है क्योंकि माता का वाहन हाथी होगा, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
कब से कब तक है नवरात्रि 2025?
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर, 2025, सोमवार से हो रही है। यह पर्व 10 दिनों तक चलेगा और इसका समापन 2 अक्टूबर, 2025 को विजयदशमी (दशहरा) के साथ होगा। इस दौरान, माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। यह पूजा का आरंभ माना जाता है और इसे शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। 22 सितंबर को कलश स्थापना के लिए दो मुख्य शुभ मुहूर्त हैं:
पहला मुहूर्त: सुबह 06:09 बजे से सुबह 08:06 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक।
इन दोनों समयों में से किसी भी मुहूर्त में कलश की स्थापना की जा सकती है, जिससे माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होगी।
दिन-वार पूजा और विशेष महत्व
यह त्योहार इस बार 10 दिनों का होगा क्योंकि तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी, यानी 24 और 25 सितंबर दोनों दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। इस दौरान हर दिन माँ के अलग स्वरूप की पूजा होगी, जो इस प्रकार है:
22 सितंबर: माँ शैलपुत्री
23 सितंबर: माँ ब्रह्मचारिणी
24 और 25 सितंबर: माँ चंद्रघंटा
26 सितंबर: माँ कूष्मांडा
27 सितंबर: माँ स्कंदमाता
28 सितंबर: माँ कात्यायनी
29 सितंबर: माँ कालरात्रि
30 सितंबर: माँ महागौरी (दुर्गा अष्टमी)
1 अक्टूबर: माँ सिद्धिदात्री (महानवमी)
2 अक्टूबर: दुर्गा विसर्जन और दशहरा
इस साल, नवरात्रि का लंबा होना भक्तों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे पूरे 10 दिनों तक देवी की भक्ति और आराधना में लीन हो सकते हैं।