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उन्नाव रेप केस में कुलदीप सेंगर को जमानत पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया, न्याय व्यवस्था में भाषाई समावेश की उठी मांग

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Posted On:Thursday, December 25, 2025

उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपी और बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा निलंबित कर जमानत मिलने के बाद एक बार फिर यह मामला देश की राजनीति और न्याय व्यवस्था के केंद्र में आ गया है। आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद पीड़िता ने अपना दर्द सार्वजनिक रूप से साझा किया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने न सिर्फ जमानत के फैसले पर सवाल उठाए, बल्कि न्याय प्रणाली में भाषाई समावेश की जरूरत को भी अहम मुद्दा बताया है।

पीड़िता का दर्द बना अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया की वजह

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीड़िता के बयान को कोट करते हुए अपनी बात रखी। पीड़िता ने अपने बयान में लिखा था, “मेरे शरीर में 250 टांके हैं, हाथ-पैर में रॉड लगी है… कोर्ट की पूरी बहस अंग्रेजी में हुई, मुझे कुछ समझ नहीं आया।” इस बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या न्याय की प्रक्रिया तब भी पूरी मानी जा सकती है, जब पीड़ित ही अदालत की कार्यवाही को समझ न पाए।

इसी संदर्भ में अखिलेश यादव ने लिखा, “इंसाफ़ की ज़ुबान समझ आने से ही इंसाफ़ होगा. न्याय के लिए भाषाई समावेश भी निर्णायक बिंदु है।” उन्होंने यह बात साफ तौर पर कही कि न्याय सिर्फ फैसला सुनाए जाने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पीड़ित की समझ और सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है।

अंग्रेजी में भी रखी अपनी बात

अखिलेश यादव ने केवल हिंदी में ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी में भी इसी मुद्दे को उठाया। उन्होंने लिखा,
“The dispensation of justice is contingent upon the utilization of a language that is comprehensible to all parties involved. Linguistic inclusivity is a determinative factor in the true administration of justice.”

इस बयान के जरिए अखिलेश यादव ने यह संदेश देने की कोशिश की कि भाषा की बाधा न्याय के रास्ते में सबसे बड़ी दीवार बन सकती है, खासकर तब जब मामला इतना संवेदनशील हो।

जमानत पर उठ रहे सवाल

जिस तरह का यह मामला रहा है, उसमें आरोपी को जमानत मिलने पर समूचा विपक्ष और कई सामाजिक संगठन सवाल खड़े कर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सत्ता से जुड़े लोगों को बार-बार राहत मिलना न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। वहीं, बीजेपी के कुछ नेताओं और मंत्रियों के बयानों ने इस विवाद को और हवा दी है। अखिलेश यादव पहले भी कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर बीजेपी पर निशाना साध चुके हैं और इसे पीड़िता के साथ अन्याय बताया था।

उन्नाव रेप केस: क्या है पूरा मामला?

उन्नाव रेप केस की शुरुआत साल 2017 में हुई थी, जब तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का आरोप लगा। इस मामले ने उस समय देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद साल 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

सिर्फ रेप ही नहीं, बल्कि पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में भी कुलदीप सेंगर दोषी पाए गए और उस मामले में भी वे सजा काट रहे हैं। इस पूरे प्रकरण ने कानून-व्यवस्था और राजनीतिक संरक्षण को लेकर बड़े सवाल खड़े किए थे।

विपक्ष और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने के बाद पीड़िता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मुलाकात की है। राहुल गांधी ने भी रेप जैसे गंभीर अपराध में आरोपी को जमानत दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि ऐसे फैसले पीड़ितों का न्याय व्यवस्था से भरोसा तोड़ते हैं।


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