कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी मतभेद और नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान एक बार फिर सार्वजनिक हो गई है। शुक्रवार को राहुल गांधी की अध्यक्षता में संसद भवन में हुई लोकसभा सांसदों की बैठक से वरिष्ठ सांसद शशि थरूर एक बार फिर गायब रहे। यह लगातार तीसरी बड़ी पार्टी बैठक है जिससे शशि थरूर अनुपस्थित रहे हैं, जिसने पार्टी के भीतर और बाहर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीजेपी और खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी कथित नज़दीकियों की पृष्ठभूमि में, थरूर की लगातार गैरहाजिरी ने राजनीतिक गलियारों में कयासों को हवा दे दी है।
गैरहाजिरी पर विरोधाभासी बयान
पार्टी का एक तबका थरूर की अनुपस्थिति को 'डैमेज कंट्रोल' करने में लगा हुआ है। इस तबके का दावा है कि थरूर ने पहले ही बता दिया था कि वह बैठक में नहीं आ पाएंगे।
हालांकि, कांग्रेस के लोकसभा में चीफ व्हिप के. सुरेश ने ऐसी किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताई। के. सुरेश का यह बयान थरूर के लगातार अनुपस्थित रहने के मुद्दे को और भी गंभीर बना देता है, क्योंकि यह केंद्रीय नेतृत्व और एक प्रमुख सांसद के बीच संवाद की कमी को उजागर करता है।
राजनीतिक कयासों का बाजार गर्म
शशि थरूर की लगातार अनुपस्थिति ने कई तीखे सवाल खड़े कर दिए हैं:
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क्या शशि थरूर जानबूझकर राहुल गांधी या सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली बैठकों में नहीं आ रहे हैं?
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क्या शशि थरूर पार्टी की आंतरिक कार्यप्रणाली या नेतृत्व से नाराज़ हैं?
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क्या थरूर प्रधानमंत्री मोदी से अपनी कथित नज़दीकी के चलते कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ बैठकों में असहज महसूस कर रहे हैं?
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क्या वह खुद को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से दूर रखकर कोई राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं?
तीन बड़ी बैठकों से लगातार अनुपस्थिति
शशि थरूर पर ये सवाल बेवजह नहीं हैं, क्योंकि वह कांग्रेस की तीन महत्वपूर्ण बैठकों से लगातार गायब रहे हैं:
1. पहला मौका (एसआईआर मुद्दा): शशि थरूर ने सबसे पहले राहुल गांधी के सबसे बड़े मुद्दे, यानी 'एसआईआर (SIR)' पर पार्टी की बड़ी बैठक में भाग नहीं लिया था। यह बैठक पार्टी के नए दफ्तर में हुई थी और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित सभी बड़े नेता शामिल हुए थे।
2. दूसरा मौका (संसदीय रणनीति समूह): उसके बाद, संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पार्टी की रणनीतिक समूह की बैठक सोनिया गांधी के आवास पर हुई, तो उसमें भी शशि थरूर नहीं पहुंचे थे। उनके दफ्तर ने उस वक्त बताया था कि वह केरल में लोकल बॉडी चुनाव में प्रचार के साथ ही अपनी बूढ़ी मां की देखभाल में व्यस्त होने के चलते नहीं आ पाए।
3. तीसरा मौका (वर्तमान बैठक): तीसरी बार आज यानी शुक्रवार 12 दिसंबर को भी शशि थरूर राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद भवन में हुई कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक में नहीं पहुंचे। आज वाली बैठक को लेकर भी कांग्रेस चीफ व्हिप के. सुरेश और शशि थरूर के दफ्तर का अलग वर्जन है, जो पार्टी के भीतर मतभेद की ओर इशारा करता है।