दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव आज, 27 अक्टूबर को और अधिक मजबूत होकर एक चक्रवाती तूफान 'मोन्था' में तब्दील होने वाला है। यह तूफान, जिसका केंद्र फिलहाल विशाखापत्तनम से 830 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में है, अपनी दिशा बदलकर दक्षिण भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जिससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लिए खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के तटीय जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। अगले 24 घंटों के दौरान कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित देश के कई अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
तूफान की वर्तमान स्थिति और संभावित मार्ग
चक्रवाती तूफान 'मोन्था' पिछले तीन घंटों में लगभग 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ा है। आज सुबह (27 अक्टूबर, 2025) यह तूफान चेन्नई (तमिलनाडु) से लगभग 600 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से 680 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और विशाखापत्तनम से 710 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में केंद्रित था। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 12 घंटों में तूफान दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। इसके बाद, यह उत्तर-पश्चिम की ओर मुड़ेगा और फिर उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर रुख करेगा।
'मोन्था' कल लेगा प्रचंड रूप, आंध्र तट से टकराने की आशंका
तूफान 'मोन्था' के मंगलवार (28 अक्टूबर) की सुबह तक एक भीषण चक्रवाती तूफान (Very Severe Cyclonic Storm) में तब्दील होने की आशंका है। उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए यह और प्रचंड रूप ले लेगा और 28 अक्टूबर की शाम या रात को मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आस-पास आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है। अनुमान है कि जब तूफान तट से टकराएगा, तब हवाओं की गति 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रह सकती है, जिसके साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में आपदा प्रबंधन की तैयारी
आंध्र प्रदेश सरकार ने संभावित आपदा से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। श्रीकाकुलम, विजयनगरम और काकीनाडा जैसे सभी समुद्र तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। काकीनाडा के आस-पास के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम जैसे निचले और संवेदनशील इलाकों को पूरी तरह से खाली करा दिया गया है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने की आशंका के चलते हाई अलर्ट जारी है और लोगों को साइक्लोन शेल्टर्स में शिफ्ट कर दिया गया है। निवासियों को घरों के अंदर रहने, और मछुआरों व पर्यटकों को तटों से दूर रहने की अपील की गई है।
ओडिशा में भी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। राज्य के 15 जिलों में रेड अलर्ट रहेगा। राहत और बचाव कार्यों के लिए 5 एनडीआरएफ (NDRF) और 24 ओडीआरएएफ (ODRAF) की टीमें तैनात की गई हैं। मलकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा समेत 8 जिलों में 128 डिजास्टर एक्शन टीमें उतर गई हैं। 5000 बचाव कर्मियों वाली 99 फायर सर्विस टीमों को भी फील्ड में उतारा गया है। एहतियात के तौर पर, स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को 30 अक्टूबर तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने पुष्टि की है कि समुद्री तूफान से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।