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बिहार: मतगणना के बीच जन सुराज के उम्मीदवार का निधन, कुछ दिन पहले पड़ा था दिल का दौरा

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Posted On:Saturday, November 15, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आज़माने उतरी जन सुराज पार्टी को मतगणना के दौरान दोहरी निराशा का सामना करना पड़ा। एक तरफ, पार्टी राज्य की 238 सीटों में से एक भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई, वहीं दूसरी तरफ, पार्टी के एक उम्मीदवार का निधन हो गया।

जन सुराज के तरारी विधानसभा सीट से उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह का निधन मतगणना के परिणाम आने के दौरान 14 नवंबर की रात को हुआ।

चुनाव प्रचार के दौरान आया था हार्ट अटैक

तरारी विधानसभा सीट से जन सुराज के उम्मीदवार रहे चंद्रशेखर सिंह को 31 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के दौरान हार्ट अटैक आया था। अटैक आने के बाद उन्हें तुरंत राजधानी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनका इलाज चल रहा था।

14 नवंबर की रात को, जब पूरे बिहार में विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही थी, तब उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। चंद्रशेखर सिंह एक रिटायर्ड प्रधानाध्यापक थे और वह भोजपुर के कुरमुरी गांव के रहने वाले थे।

'मास्टर साहब' के नाम से थे मशहूर

अपने क्षेत्र में चंद्रशेखर सिंह 'मास्टर साहब' के नाम से बेहद मशहूर थे। उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़कर पहली बार चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। उनके निधन की खबर सुनते ही उनके समर्थकों और क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई।

तरारी विधानसभा सीट पर हुए मुकाबले में, हालांकि चंद्रशेखर सिंह को 2,000 से अधिक मत मिले, लेकिन इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार विशाल प्रशांत को जीत हासिल हुई।

प्रशांत किशोर के लिए बड़ी हार

जन सुराज पार्टी के लिए चुनावी परिणाम एक बड़ी हार साबित हुए हैं। पार्टी ने राज्य की 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन फाइनल नतीजों में वह एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई।

पार्टी का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि अधिकांश सीटों पर उम्मीदवारों के हार का अंतर बहुत अधिक था और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। शुरुआती चरण में कुछ चार निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई थी, लेकिन यह गति जल्द ही फीकी पड़ गई।

अपने संगठन के दम पर पहली बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे प्रशांत किशोर के लिए यह 'शून्य' का नतीजा निश्चित रूप से एक बड़ी राजनीतिक हार है। यह परिणाम उनकी पार्टी की चुनावी रणनीति और जमीनी पकड़ पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


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