अपनी मां नरगिस दत्त की 44वीं पुण्यतिथि पर अभिनेता संजय दत्त ने एक भावुक श्रद्धांजलि साझा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, ""आप यहाँ नहीं हैं, लेकिन आपका प्यार कभी नहीं गया। हर दिन आपकी याद आती है, मां।"
संजय द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो खास रही, जिसमें युवा नरगिस साड़ी पहने, मुस्कुराते हुए हाथ हिला रही हैं और उनके हाथ में एक किताब है। यह तस्वीर उनके अभिनय करियर के शुरुआती दिनों की प्रतीत होती है, जब वे हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं।
नरगिस दत्त का निधन 3 मई 1981 को हुआ था, ठीक उनके बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी की रिलीज़ से कुछ दिन पहले। उनकी मौत का कारण पैंक्रियाटिक कैंसर बताया गया, हालांकि उनकी बेटी नम्रता दत्त ने बाद में कहा कि यह एक यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (मूत्र संक्रमण) की वजह से हुआ था। उनकी असामयिक मृत्यु न केवल दत्त परिवार के लिए बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक गहरा आघात था।
एक अदाकारा के रूप में अपनी उपलब्धियों के अलावा, नरगिस समाजसेवा और अपने पारिवारिक मूल्यों के लिए भी जानी जाती थीं। उनके निधन के बाद, 1982 में उनके पति सुनील दत्त ने नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की, जो आज भी कैंसर के इलाज और जागरूकता के क्षेत्र में कार्यरत है।
संजय दत्त की यह श्रद्धांजलि न केवल मां-बेटे के गहरे रिश्ते को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि नरगिस का प्रभाव आज भी जीवित है — एक कलाकार, एक मां और एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व के रूप में। आज जब पूरा देश और फिल्म जगत, नरगिस दत्त को याद कर रहा है, उनकी विरासत हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्यार और योगदान कभी नहीं मिटते — वे समय के पार जाते हैं।