कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक दीर्घकालिक बचत योजना है, जो नौकरीपेशा लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है. इसमें हर महीने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से योगदान किया जाता है, और इस जमा राशि पर सरकार सालाना एक तय ब्याज दर देती है.
अक्सर, जरूरत पड़ने पर लोग साल के बीच में भी अपने PF खाते से पैसा निकाल लेते हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि: क्या पैसा निकालने से मेरे PF पर मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा? या क्या निकासी की तारीख से ब्याज मिलना रुक जाता है?
इसका सीधा जवाब है: नहीं, निकासी से ब्याज रुकता नहीं है, बल्कि आपके शेष बचे बैलेंस पर ब्याज की गणना जारी रहती है.
EPF में ब्याज का कैलकुलेशन कैसे होता है?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का ब्याज कैलकुलेशन समझने में काफी आसान है, भले ही यह सालाना घोषित होता हो, पर गणना मासिक आधार पर की जाती है.
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सालाना घोषणा, मासिक गणना: EPFO हर वित्तीय वर्ष के अंत में ब्याज दर की घोषणा करता है (वर्तमान में यह दर 8.25% है), लेकिन इसका कैलकुलेशन हर महीने के अंतिम बैलेंस पर किया जाता है.
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मासिक आधार: हर महीने की अंतिम तारीख पर आपके खाते में जो बैलेंस होता है, उसी पर उस महीने का ब्याज गिना जाता है.
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संचय और जमा: जब वित्तीय वर्ष पूरा हो जाता है, तब सभी 12 महीनों के दौरान की गई मासिक ब्याज की गणना को एक साथ जोड़कर आपकी कुल जमा राशि में एक साथ जमा कर दिया जाता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ब्याज की गणना कभी भी दिनों के आधार पर नहीं की जाती, बल्कि हमेशा मासिक आधार पर होती है.
बीच में पैसा निकालने पर ब्याज कैसे गिना जाता है?
अगर आपने किसी भी महीने PF से पैसा निकाला है, तो EPFO उसी महीने से आपके नए, कम हुए बैलेंस पर ब्याज की गणना शुरू कर देता है.
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निकासी से पहले: निकासी की तारीख से पहले के सभी महीनों (जैसे अप्रैल, मई, जून आदि) पर, आपको अपने पूरे बैलेंस पर ब्याज मिलेगा.
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निकासी के बाद: जिस महीने आपने पैसा निकाला है (जैसे मान लीजिए आपने सितंबर में पैसा निकाला), उस महीने के अंत में जो बैलेंस बचेगा, उस नए बैलेंस पर आगे के महीनों (जैसे अक्टूबर, नवंबर आदि) का ब्याज मिलेगा.
यानी, निकासी की तारीख पर ब्याज खत्म नहीं होता. होता बस यह है कि आपके खाते का बैलेंस कम हो जाता है, और ब्याज की गणना के लिए यह कम हुआ बैलेंस ही नया आधार बन जाता है. इसलिए PF से बीच में पैसा निकालने से ब्याज रुकता नहीं है, बल्कि आपके खाते में बची शेष राशि पर नई तरह से गणना शुरू हो जाती है.
एक आसान उदाहरण
मान लीजिए आपके PF खाते में:
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अप्रैल महीने के अंत तक बैलेंस: ₹ 2,00,000 था.
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आपने अगस्त महीने में ₹ 50,000 की निकासी कर ली.
तो ब्याज का कैलकुलेशन इस तरह होगा:
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अप्रैल से जुलाई तक: आपको पूरे ₹ 2,00,000 पर मासिक आधार पर ब्याज गिना जाएगा.
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अगस्त से आगे: अगस्त महीने के अंत में, बैलेंस घटकर ₹ 1,50,000 रह जाएगा. अब आगे के महीनों (अगस्त, सितंबर, अक्टूबर आदि) का ब्याज इसी ₹ 1,50,000 के बैलेंस पर गिना जाएगा.