वोडाफोन आइडिया (Vi) के करोड़ों ग्राहकों और निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। अगर आप भी Vi का सिम इस्तेमाल करते हैं और कंपनी के भविष्य को लेकर चिंतित थे, तो सरकार की एक नई योजना आपके लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। खबरों के मुताबिक, सरकार नकदी संकट से जूझ रही इस टेलीकॉम कंपनी को उबारने के लिए एक बड़ा राहत पैकेज देने की तैयारी कर रही है। इस योजना में न केवल कर्ज चुकाने के लिए लंबा वक्त दिया जा सकता है, बल्कि कुल कर्ज की रकम में भी भारी कटौती की संभावना है।
कर्ज चुकाने के लिए मिल सकता है 4 से 5 साल का एक्स्ट्रा टाइम
ताजा जानकारी के अनुसार, सरकार वोडाफोन आइडिया को उसके एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया पर 4 से 5 साल का 'मोरेटोरियम' यानी मोहलत देने पर विचार कर रही है। आसान भाषा में, इसका मतलब है कि कंपनी को अगले 4-5 सालों तक इस बकाये की किस्त नहीं चुकानी पड़ेगी। सबसे खास बात यह है कि यह मोहलत 'ब्याज मुक्त' हो सकती है। वर्तमान में कंपनी पर $83,000$ करोड़ रुपये से ज्यादा का वैधानिक बकाया है।
मौजूदा नियमों के तहत, Vi को मार्च में $18,000$ करोड़ रुपये से ज्यादा की किस्त चुकानी है। अगर सरकार यह राहत पैकेज मंजूर कर लेती है, तो कंपनी को तुरंत इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करने की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी। यह बचा हुआ पैसा कंपनी अपने नेटवर्क को सुधारने और बहुप्रतीक्षित 5G सेवाओं को बेहतर बनाने में लगा सकेगी, जिसका सीधा फायदा आम ग्राहकों को हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के रूप में मिलेगा।
क्या आधा हो जाएगा वोडाफोन आइडिया का वित्तीय बोझ?
सिर्फ समय ही नहीं, सरकार कर्ज की कुल राशि को भी कम करने पर विचार कर रही है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देनदारियों के पुनः आकलन (Reassessment) के बाद कंपनी का बकाया लगभग आधा हो सकता है।
इसके लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की अध्यक्षता सचिव स्तर के एक अधिकारी करेंगे, जो दूरसंचार विभाग (DoT) और Vi दोनों का पक्ष सुनकर बकाया राशि का अंतिम मूल्यांकन करेगी। जब 4-5 साल की मोहलत खत्म हो जाएगी, तब कंपनी को यह बाकी रकम 6 किस्तों में चुकानी होगी। मजे की बात यह है कि भविष्य में इस बकाये पर कोई नया ब्याज नहीं जुड़ेगा, जिससे कंपनी का वित्तीय बोझ और नहीं बढ़ेगा। ध्यान रहे कि अभी तक कंपनी को बकाया राशि पर सालाना $29-30\%$ का भारी-भरकम कंपाउंड ब्याज चुकाना पड़ता था।
सरकार की हिस्सेदारी और नया निवेश
वोडाफोन आइडिया में सरकार खुद सबसे बड़ी हिस्सेदार है और उसके पास कंपनी की $48.99\%$ हिस्सेदारी है। सरकार की यह कोशिश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कंपनी को नए निवेश की सख्त जरूरत है।
अगर यह राहत पैकेज पास हो जाता है, तो कंपनी के लिए बाजार से $25,000$ करोड़ रुपये जुटाना आसान हो जाएगा। खबरें यह भी हैं कि न्यूयॉर्क की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म 'टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स' Vi में $35,000$ से $52,800$ करोड़ रुपये ($4-6$ अरब डॉलर) के बीच बड़ा निवेश करने के लिए बातचीत कर रही है।
निवेशक पैसा तभी लगाएंगे जब उन्हें भरोसा होगा कि सरकार कंपनी को डूबने नहीं देगी और यह राहत पैकेज उस भरोसे को मजबूत आधार देगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में सरकार को अनुमति दी थी कि वह इस संकटग्रस्त कंपनी के लिए विशेष पैकेज तैयार कर सकती है। यह फैसला आने वाले कुछ हफ्तों में कैबिनेट की मंजूरी के बाद आधिकारिक रूप से घोषित किया जा सकता है, जो Vi के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।