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Fact Check: क्या वित्त मंत्रालय सच में हर नागरिक को दे रहा 46,715 रुपये? जान लें वायरल दावे की सच्चाई

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Posted On:Tuesday, July 22, 2025

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया लोगों के लिए सूचनाओं का सबसे तेज माध्यम बन चुका है। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर हर दिन लाखों-करोड़ों मैसेज, वीडियो और फोटो वायरल होते हैं। लेकिन इनका एक बड़ा हिस्सा झूठी या भ्रामक सूचनाओं से भरा होता है। कई बार ऐसे मैसेज इतने सच की तरह लगते हैं कि लोग बिना जांच-पड़ताल के उन्हें सच मान लेते हैं और आगे भेजते रहते हैं। ताजा मामला भी कुछ ऐसा ही है, जिसमें व्हाट्सएप पर यह दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार का वित्त मंत्रालय गरीबों को ₹46,715 की आर्थिक सहायता दे रहा है।

क्या है वायरल दावा?

व्हाट्सएप पर एक मैसेज तेजी से फैल रहा है, जिसमें लिखा गया है,
"भारतीय लोगों द्वारा अनुभव किए गए वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्रालय ने संकट की गंभीरता को कम करने के लिए प्रत्येक नागरिक को ₹46,715 की राशि देने का निर्णय लिया है। सभी लोग नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना दावा दर्ज करें।"

इस मैसेज में एक वेबसाइट लिंक भी दिया गया है और दावा किया गया है कि उस लिंक पर जाकर आधार कार्ड और अन्य डिटेल भरने से यह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। कई लोगों ने इस मैसेज पर भरोसा कर लिंक खोला और अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी भर दी।

हकीकत क्या है?

सरकारी तथ्य जांच एजेंसी PIB Fact Check ने इस वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए इसकी जांच की। जांच के दौरान सामने आया कि यह पूरा दावा फर्जी है और इस तरह की कोई योजना भारत सरकार या वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नहीं की गई है। PIB ने साफ शब्दों में कहा कि:

  • यह मैसेज झूठा और भ्रामक है।

  • इसमें दिया गया लिंक फिशिंग वेबसाइट से जुड़ा हो सकता है, जिसका उद्देश्य आपकी निजी जानकारी चुराना है।

  • सरकार की तरफ से ₹46,715 देने की कोई योजना नहीं बनाई गई है।

PIB ने इस मामले पर चेतावनी जारी करते हुए लिखा:

"सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है। वित्त मंत्रालय ने ऐसी कोई आर्थिक सहायता योजना घोषित नहीं की है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी न दें।"

क्या है फिशिंग अटैक?

इस तरह की वायरल योजनाएं साइबर फ्रॉड का हिस्सा होती हैं जिन्हें फिशिंग अटैक कहा जाता है। फिशिंग का मतलब होता है लोगों को झूठे लालच में फंसाकर उनकी निजी जानकारी (जैसे आधार कार्ड, बैंक डिटेल, ओटीपी आदि) चुरा लेना। इसके बाद साइबर अपराधी इन जानकारियों का दुरुपयोग कर सकते हैं, जैसे कि आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकालना, आपके नाम पर फर्जी लोन लेना आदि।

नागरिकों को क्या करना चाहिए?

  1. कभी भी बिना जांचे-परखे किसी लिंक पर क्लिक न करें।

  2. सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइटों या विश्वसनीय मीडिया स्रोतों से ही लें।

  3. अगर कोई मैसेज आपको संदिग्ध लगे तो उसे आगे फॉरवर्ड न करें।

  4. PIB Fact Check को ट्विटर (@PIBFactCheck) या उनकी वेबसाइट पर रिपोर्ट करें।

  5. अपने मोबाइल या डिवाइस में ऐंटी-वायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर अपडेट रखें।


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