Aaj ka Panchang 30 October 2025: आज 30 अक्टूबर 2025 को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. आज सुबह 10:06 बजे अष्टमी तिथि का समापन हो जाएगा. इसके बाद नवमी तिथि मान्य होगी. आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. आप आज के शुभ-अशुभ योग के बारे में पंचांग से जान सकते हैं. आप आज के नक्षत्र, योग, शुभ मुहूर्त, अशुभ समय और ग्रहों की स्थिति आदि के बारे में जानने के लिए यहां देखें 30 अक्टूबर 2025 का पंचांग देख सकते हैं.
आज की तिथि, करण, पक्ष और योग
पंचांग- 30.10.2025
युगाब्द - 5126
संवत्सर - सिद्धार्थ
विक्रम संवत् -2082
शाक:- 1947
ऋतु __ शरद
सूर्य __ दक्षिणायन
मास __ कार्तिक
पक्ष __ शुक्ल पक्ष
वार __ गुरुवार
तिथि - अष्टमी 10:05:47
नक्षत्र श्रवण 18:32:35
योग शूल 07:19:51
योग गण्ड 30:14:26*
करण बव 10:05:47
करण बालव 22:10:21
चन्द्र राशि - मकर
सूर्य राशि - तुला
आज विशेष " गोपाष्टमी "
🍁 अग्रिम पर्वोत्सव 🍁
👉🏻 आंवला नवमी
31/10/25 (शुक्रवार)
👉🏻 देवप्रबोधिनी एकादशी
01/11/25 (शनिवार)
👉🏻 त्रिस्पर्शा महाद्वादशी व्रत
02/11/25 (रविवार)
👉🏻 प्रदोष व्रतम्
03/11/25 (सोमवार)
👉🏻 वैकुण्ठ चतुर्दशी व्रतम्
04/11/25 (मंगलवार)
👉🏻 कार्तिक/ सत्य पूर्णिमा व्रतम्
05/11/25 (बुधवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉 || शुभ गोपाष्टमी ||
गौवंश की सेवा एवं रक्षा भी भगवान श्रीकृष्ण के इस धरा धाम पर अवतरण का एक प्रमुख उद्देश्य रहा है। श्री बालकृष्ण प्रभु के प्रथम गौचारण उत्सव को ही गोपाष्टमी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जिस ब्रह्म की चरण रज के लिए ब्रह्मा-शंकर तक तरसते हैं वो चरण गौमाता की सेवा के लिए कंकड़-पत्थर और कुंज-निकुंजों में विचरण करते हैं। गौमाता भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय हैं इसलिए स्वयं कष्ट सहकर भी प्रभु ने गौमाता को सुखी करने का प्रयास किया है। गौमाता की सेवा के कारण ही प्रभु का नाम गोपाल पड़ा। गौ माता की सेवा परिवार में सुख-शांति, समृद्धि एवं पूर्वजों को सद्गति प्रदायक होती है। गोपाल के साथ-साथ गौमाताओं की सेवा हम समस्त सनातन धर्मावलंबियों का प्रधान कर्तव्य है। गौ सेवा ही गोपाल को रिझाने का मूल मंत्र है। गोपाष्टमी के पावन दिवस पर यथा सामर्थ्य गौमाताओं की सेवा के संकल्प के साथ इस पावन पर्व को सार्थक बनाने का प्रयास अवश्य करें।
जय जय श्री सीताराम 👏
जय जय श्री ठाकुर जी की👏
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
राज पंडित-श्री राधा गोपाल मंदिर (जयपुर)