भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बार पाकिस्तान ने एक नापाक हरकत करते हुए भारत में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकी संगठन TRF (The Resistance Front) का खुलकर बचाव किया है। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पाक संसद में दावा किया कि TRF का पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है, और भारत यदि TRF को दोषी ठहराता है तो सबूत पेश करे।
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत इस हमले में अपने 26 नागरिकों की मौत का शोक मना रहा है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने के मूड में है।
TRF का बचाव क्यों कर रहा पाकिस्तान?
इशाक डार का यह बयान साफ संकेत देता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को शह दे रहा है। उन्होंने संसद में कहा कि TRF को बेवजह बदनाम किया जा रहा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह बात पहले ही साफ हो चुकी है कि TRF दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का ही नया नाम है। पाकिस्तान ने लश्कर पर प्रतिबंध लगने के बाद उसे नए नाम से पेश किया ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचा जा सके।
डार ने कहा कि अमेरिका की एक प्रेस रिलीज में पहलगाम हमले के लिए TRF को जिम्मेदार बताया गया है और भारत ने UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) के बयान में भी TRF का जिक्र किया है। पाकिस्तान ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि अगर भारत के पास TRF के खिलाफ कोई ठोस सबूत है, तो वो उन्हें सौंपे, और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
भारत ने अपनाया सख्त रवैया
भारत ने पाकिस्तान के इस रवैये को गंभीरता से लिया है और आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने:
-
सिंधु जल संधि रद्द कर दी है, जो 1960 से दोनों देशों के बीच जल वितरण को लेकर चल रही थी।
-
पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें भारत से वापस भेज दिया गया है।
-
अटारी बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
-
पाकिस्तानी राजनयिकों की संख्या कम कर दी गई है और उन्हें अवांछित घोषित कर भारत से निकाल दिया गया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को निर्देश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। हमले का समय, स्थान और तरीका सेनाएं स्वयं तय करेंगी।
भारत-पाक बॉर्डर पर तनाव
इन कड़े फैसलों के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। भारतीय सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है और सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। सीमा पार से किसी भी घुसपैठ की कोशिश को रोकने के लिए हाईटेक ड्रोन और निगरानी उपकरण तैनात किए गए हैं।
क्या है TRF?
TRF (The Resistance Front) को लश्कर-ए-तैयबा का ही नया रूप माना जाता है। इस संगठन की शुरुआत 2019 के बाद हुई जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया। तब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने और लश्कर को बचाने के लिए TRF को खड़ा किया।
TRF सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह करता है और सीमा पार से हथियार व फंडिंग के जरिए भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देता है।
पाकिस्तान की धमकी: सिंधु जल संधि पर युद्ध की चेतावनी
इशाक डार ने संसद में यह भी कहा कि अगर भारत सिंधु जल संधि को तोड़ता है और पाकिस्तान की जल आपूर्ति को प्रभावित करता है, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। पाकिस्तान का यह बयान भले ही आक्रामक दिखता हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह डर और हताशा का संकेत है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन भारत के पक्ष में
भारत के इन फैसलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी समर्थन मिल रहा है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त कदमों को जायज ठहरा रहे हैं। अमेरिका पहले ही TRF को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर चुका है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान की दोहरी नीति बेनकाब
TRF का बचाव कर पाकिस्तान ने एक बार फिर खुद को आतंकी समर्थक देश के रूप में साबित कर दिया है। एक ओर वह दुनिया के सामने खुद को शांति का पक्षधर दिखाने की कोशिश करता है, वहीं दूसरी ओर आतंकी संगठनों का बचाव करता है और उन्हें संरक्षण देता है।
भारत अब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से जवाब दे रहा है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल हो सकती है।