भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बोर्ड ने आधिकारिक रूप से 7 नए नेशनल सिलेक्टर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनमें सीनियर मेंस टीम, विमेंस टीम और जूनियर टीम के लिए चयनकर्ता शामिल हैं। इस नई नियुक्ति के तहत इन चयनकर्ताओं को भारतीय क्रिकेट टीम के निर्माण और भविष्य की रणनीति तय करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
मेंस टीम के लिए 2 नेशनल सिलेक्टर्स की आवश्यकता
सीनियर मेंस क्रिकेट टीम के लिए BCCI को दो नए नेशनल सिलेक्टर्स की तलाश है। ये सिलेक्टर्स टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम का चुनाव करेंगे। यह भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसी के आधार पर टीम की मजबूती और प्रदर्शन तय होता है।
योग्यता:
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कम से कम 7 टेस्ट या 30 फर्स्ट क्लास मैच खेले हों, या 10 वनडे और 20 फर्स्ट क्लास मैच का अनुभव हो।
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कम से कम 5 साल पहले अंतरराष्ट्रीय या घरेलू क्रिकेट से संन्यास लिया हो।
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पिछले 5 वर्षों में BCCI की किसी क्रिकेट कमिटी का सदस्य न रहे हों।
विमेंस टीम के लिए 4 सिलेक्टर्स की जरूरत
महिला क्रिकेट के तेजी से बढ़ते दायरे को देखते हुए BCCI ने महिला टीम के लिए 4 नए सिलेक्टर्स की मांग की है। ये सिलेक्टर्स महिला टीम के टेस्ट, वनडे और टी20 टीमों का चयन करेंगे और कोचिंग स्टाफ समेत अन्य तकनीकी पहलुओं पर भी नजर रखेंगे।
योग्यता:
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भारत की महिला क्रिकेट टीम के लिए खेला हो।
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कम से कम 5 साल पहले संन्यास लिया हो।
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पिछले 5 वर्षों में क्रिकेट कमिटी की सदस्यता न रखी हो।
जूनियर मेंस टीम के लिए 1 चयनकर्ता
भविष्य के क्रिकेट सितारों को पहचानने और उन्हें मौका देने के लिए BCCI को जूनियर स्तर (अंडर 22 तक) पर एक नेशनल सिलेक्टर की जरूरत है। इस चयनकर्ता की जिम्मेदारी होगी कि वह घरेलू टूर्नामेंट्स और टूरों के लिए योग्य खिलाड़ियों का चयन करे।
योग्यता:
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न्यूनतम 25 फर्स्ट क्लास मैचों का अनुभव हो।
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5 साल पहले क्रिकेट से संन्यास लिया हो।
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पिछले 5 सालों में BCCI की किसी कमिटी का सदस्य न रहे हों।
आवेदन की अंतिम तिथि
इन पदों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2025 शाम 5 बजे निर्धारित की गई है। आवेदन के बाद योग्य उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाएगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी।
यह कदम भारतीय क्रिकेट की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। नए सिलेक्टर्स से उम्मीद की जा रही है कि वे टीम चयन में निष्पक्षता और क्रिकेटिंग समझदारी का प्रदर्शन करेंगे, जिससे भारतीय क्रिकेट और अधिक सशक्त और प्रतिस्पर्धात्मक बन सके।