देश की पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस अब पूर्वांचल और बिहार के बीच नई कड़ी जोड़ने जा रही है। 20 जून, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से गोरखपुर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से बेतिया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर होते हुए पटना तक का सफर करेगी, जिससे लाखों यात्रियों को फायदा होगा।
रेलवे की नई सौगात: गोरखपुर से पटना तक वंदे भारत
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से पाटलिपुत्र जंक्शन तक चलेगी। यह ट्रेन दो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्रों – पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार – को आपस में जोड़ने का कार्य करेगी।
वर्तमान में गोरखपुर और पटना के बीच केवल एक सीधी ट्रेन – 18630 गोरखपुर-रांची एक्सप्रेस ही सप्ताह में एक बार चलती है। ऐसे में यह नई वंदे भारत सेवा इन दो प्रमुख शहरों के बीच यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल देगी।
शॉर्ट टाइम – हाई स्पीड: दूरी घटेगी, सुविधा बढ़ेगी
गोरखपुर से पटना की कुल दूरी लगभग 396 किलोमीटर है, जिसे यह वंदे भारत ट्रेन 5 घंटे से भी कम समय में पूरा करने की क्षमता रखती है। यह इस रूट पर अब तक का सबसे तेज़ और सुविधाजनक रेल विकल्प होगा।
कहां-कहां रुकेगी वंदे भारत एक्सप्रेस?
गोरखपुर से पटना के बीच यात्रा के दौरान यह ट्रेन निम्नलिखित प्रमुख स्टेशनों पर ठहरेगी:
	- 
	कप्तानगंज 
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	पनियहवा 
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	बाघा 
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	नरकटियागंज जंक्शन 
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	बेतिया 
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	सुगौली 
- 
	बापूधाम मोतिहारी 
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	मुजफ्फरपुर जंक्शन 
- 
	हाजीपुर जंक्शन 
- 
	पाटलिपुत्र जंक्शन 
ये सभी ठहराव इलाके के यात्रियों को तेज़, आधुनिक और भरोसेमंद परिवहन का विकल्प देंगे।
क्या है ट्रेन का शेड्यूल?
गोरखपुर-पटना वंदे भारत ट्रेन का समय तालिका इस प्रकार रहेगा:
	- 
	सुबह 5:40 बजे गोरखपुर से प्रस्थान 
- 
	दोपहर 12:45 बजे पाटलिपुत्र जंक्शन (पटना) पहुंचना 
- 
	शाम 3:30 बजे पाटलिपुत्र से वापसी 
- 
	रात 10:30 बजे गोरखपुर वापसी 
यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी। एक दिन (संभावित रविवार) इसका रखरखाव और निरीक्षण कार्य हेतु अवकाश रहेगा।
यात्रा होगी आरामदायक और प्रीमियम
गोरखपुर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 8 आधुनिक कोच होंगे, जिसमें दो श्रेणियों में सीटिंग व्यवस्था होगी:
	- 
	AC चेयर कार 
- 
	एक्जीक्यूटिव चेयर कार 
यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं:
	- 
	स्वचालित दरवाजे और स्लाइडिंग प्लग डोर 
- 
	ऑनबोर्ड वाईफाई इंफोटेनमेंट सिस्टम 
- 
	जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली 
- 
	बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स 
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	आरामदायक सीट्स और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स 
- 
	कैटरिंग सुविधा (पूर्व ऑर्डर या ऑनबोर्ड पेमेंट द्वारा) 
क्या होगा असर?
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मिलेगा बूस्ट
गोरखपुर और पटना के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से कारोबार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। छोटे शहरों को बड़ी लाइन से जोड़ने का यह महत्वपूर्ण कदम होगा।
ट्रैफिक और समय की होगी बचत
पहले जहां लोगों को बस या धीमी ट्रेनों से लंबा समय और असुविधा सहनी पड़ती थी, अब वंदे भारत के जरिए तेज़, सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा संभव होगी।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
बेतिया, मोतिहारी और नरकटियागंज जैसे स्थलों पर ट्रेन रुकने से इन क्षेत्रों में पर्यटन और स्थानीय रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे।
पीएम मोदी का विजन: तेज़ रफ्तार भारत
वंदे भारत एक्सप्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के विजन का प्रतीक है। ये ट्रेनें पूरी तरह भारत में निर्मित हैं और देश के रेलवे नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
निष्कर्ष: नई वंदे भारत – एक नई सुबह की शुरुआत
गोरखपुर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि यह दो राज्यों के सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक जुड़ाव की तेज़ रफ्तार गाथा है। यह ट्रेन विकास के नए रास्ते खोलेगी और यात्रियों को एक सुरक्षित, आरामदायक और आधुनिक यात्रा का अनुभव देगी।
"जब रेल की रफ्तार बढ़ती है, तो देश की तरक्की का इंजन भी तेज़ी से दौड़ता है।"
वंदे भारत अब सिर्फ ट्रेन नहीं, भारत के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है