भारत के 17वें उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनडीए गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के तौर पर वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतार दिया है। नामांकन प्रक्रिया के तहत राधाकृष्णन ने अपना पर्चा दाखिल किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उनके पहले प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद रहे, जिससे साफ हो गया कि राधाकृष्णन को पार्टी का पूरा समर्थन हासिल है।
चुनाव की तारीख और प्रक्रिया
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 25 अगस्त तक नाम वापसी की अंतिम तिथि है। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि यह देश को नया संवैधानिक प्रतिनिधि देने वाला है।
विपक्ष की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी होंगे उम्मीदवार
विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने अपने प्रत्याशी के रूप में बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। रेड्डी गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं और एक प्रतिष्ठित न्यायविद् के रूप में जाने जाते हैं। वह 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इंडिया गठबंधन की कोशिश है कि वे इस चुनाव को एक सशक्त मुकाबले के रूप में पेश करें, हालांकि संख्या बल उनके पक्ष में नहीं है।
क्या कहता है नंबर गेम?
एनडीए का पलड़ा इस चुनाव में भारी नजर आ रहा है। वर्तमान में संसद (लोकसभा और राज्यसभा) में कुल 782 सदस्य हैं। उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार को 392 वोटों की आवश्यकता है। एनडीए के पास इस समय लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 134, कुल मिलाकर 427 सांसदों का समर्थन है, जो स्पष्ट रूप से बहुमत से अधिक है।
वहीं, विपक्ष के पास लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर लगभग 355 सांसद हैं। ऐसे में बी. सुदर्शन रेड्डी के लिए यह लड़ाई प्रतीकात्मक होती दिख रही है, हालांकि विपक्ष इस चुनाव को सैद्धांतिक और लोकतांत्रिक लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन एक अनुभवी राजनेता हैं, जिनका पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ था। वे तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वे दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। संगठन और प्रशासन, दोनों का लंबा अनुभव रखने वाले राधाकृष्णन को एक सौम्य और प्रभावशाली नेता माना जाता है।