जम्मू-कश्मीर और पंजाब में इन दिनों बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। नदियां अपने उफान पर हैं और कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। भारी बारिश के चलते पंजाब के माधोपुर हेडवर्क्स इलाके में एक इमारत बाढ़ के पानी में फंस गई, जिसमें CRPF के जवान और कुछ नागरिक फंसे हुए थे। हालात इतने गंभीर थे कि अगर समय रहते उन्हें न निकाला जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन भारतीय सेना ने एक जोखिम भरे हेलीकॉप्टर ऑपरेशन के जरिए सभी को सुरक्षित बाहर निकालकर एक बार फिर अपने जज़्बे और कुशलता की मिसाल पेश की है।
बाढ़ की स्थिति भयावह
जम्मू-कश्मीर के कई इलाके पानी में डूब चुके हैं। वहीं, पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी जैसी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। कई पुल और सड़कें बह चुकी हैं। हालात इतने भयावह हैं कि रेस्क्यू टीमें लगातार दिन-रात राहत कार्यों में लगी हुई हैं।
माधोपुर हेडवर्क्स के पास एक पुरानी बहुमंजिला इमारत, बाढ़ के तेज बहाव में घिर चुकी थी और ढहने के कगार पर थी। इस इमारत में 22 CRPF जवान, 3 नागरिक और एक सेवा कुत्ता फंसे हुए थे। पानी की रफ्तार इतनी तेज थी कि ज़मीन से बचाव संभव नहीं था।
भारतीय सेना का साहसिक ऑपरेशन
भारतीय सेना ने इस संकट की घड़ी में हवाई रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया। सेना ने बताया कि सुबह होते ही हेलीकॉप्टर रवाना किया गया, जिसमें बेहद अनुभवी पायलटों और रेस्क्यू विशेषज्ञों की टीम थी। वीडियो भी साझा किया गया, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे एक ढहती इमारत की छत पर हेलीकॉप्टर उतारा गया और जान की परवाह किए बिना एक-एक कर लोगों को निकाला गया।
यह ऑपरेशन बेहद खतरनाक था, क्योंकि तेज हवाएं, भारी बारिश और बहती हुई नदी की धारा किसी भी समय ऑपरेशन को असफल बना सकती थी। इसके बावजूद भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस, अनुशासन और तकनीकी क्षमता का परिचय दिया।
इमारत ढहने से पहले पूरा हुआ रेस्क्यू
सेना ने बताया कि जैसे ही आखिरी व्यक्ति और कुत्ते को सुरक्षित निकाला गया, कुछ ही मिनटों बाद इमारत पूरी तरह ढह गई और पानी में बह गई। अगर जरा सी भी देरी होती, तो यह ऑपरेशन एक त्रासदी में बदल सकता था।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
कठुआ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, "हमें देर रात जानकारी मिली कि इलाके में पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है और कुछ जवान फंसे हुए हैं। तुरंत SDRF, NDRF और सेना को अलर्ट किया गया। सेना की तेज़ प्रतिक्रिया ने कई ज़िंदगियों को बचा लिया।"
निष्कर्ष
इस कठिन समय में भारतीय सेना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह हर परिस्थिति में देशवासियों की सुरक्षा के लिए तत्पर है। CRPF के जवानों और नागरिकों को जिस तरह से हिम्मत और दक्षता के साथ बचाया गया, वह न सिर्फ सेना की क्षमता का प्रतीक है, बल्कि देशवासियों में भरोसे की भावना भी मजबूत करता है।
इस घटना ने पूरे देश को यह दिखाया है कि जब-जब संकट आता है, भारतीय सेना हर मोर्चे पर डटकर खड़ी रहती है – चाहे वो युद्ध का मैदान हो या प्राकृतिक आपदा का कहर।